ॐ नमः शिवाय
चंद्र बना है ताज जिनका
जट्टावो से बहती गंगा धारा
जट्टावो से बहती गंगा धारा
सजाये गले में सर्पो की माला
पीया जिन्होंने विष का प्याला
पीया जिन्होंने विष का प्याला
बाघम्बर जिन्होंने धारण किया
डमरू के जो ताल बजाये
डमरू के जो ताल बजाये
अर्धांगिनी जिनकी सती शीतला
है पुत्र जिनके कार्तिकेय गणेशा
है पुत्र जिनके कार्तिकेय गणेशा
भ्रमण करते जो शमशान गुफा
प्रिय सवारी जिनका बसहा
प्रिय सवारी जिनका बसहा
इस जग के जो कर्ता धर्ता
भोग लगाये भाँग धतुरा
भोग लगाये भाँग धतुरा
शरीर पे जिनके भस्म रमा
जग जिनके त्रिनेत्र में समा
जग जिनके त्रिनेत्र में समा
गले में जिनके रूद्र माला
अस्त्र जिनका त्रिशूल निराला
अस्त्र जिनका त्रिशूल निराला
संरक्षण करते जो संगीत कला
हृदय है जिनका भोला भाला
हृदय है जिनका भोला भाला
आदि गुरू जिन्हें सबने माना
दानी रूप में जिन्हें पहचाना
दानी रूप में जिन्हें पहचाना
धारण किये जो सन्यासी रूपा
सुर-असुर सबके ये देवा
सुर-असुर सबके ये देवा
सृष्टी संघारक भी ये दिखा
जब नटराज रूप उन्होंने धरा
जब नटराज रूप उन्होंने धरा
कैलाश पर्वत पे धाम जिनका
अत्याचार रोकना काम जिनका
अत्याचार रोकना काम जिनका
हैं ये देवो के देव ” महादेव “
शम्भु शिव शंकर है नाम जिनका !!!
शम्भु शिव शंकर है नाम जिनका !!!
जय भोले नाथ
साभार : सुश्री शालिनी झा
Happy MahaShivRatri to All Viewers